Sunday 4 October 2015

SWADESHI CHETANA MANCH:                                स्वदेशी  चेतना  मं...

SWADESHI CHETANA MANCH:
                               स्वदेशी  चेतना  मं...
:                                 स्वदेशी  चेतना  मंच द्वारा                                  गॉव  के  नाम एक  पाती आदरणीय  ग्रामवासियो...

Saturday 3 October 2015


                               स्वदेशी  चेतना  मंच द्वारा
                               गॉव  के  नाम एक  पाती
आदरणीय  ग्रामवासियो ,माताओ , बहनो एवं भविष्य के नीति निर्धारक बच्चो चुनाव का  मौसम एक बार फिर दस्तक दे रहा है , सफेद पोसो का जमावडा ,नुक्कड बहसो एवं गुटबाजी का दौर पुनः चरम पर है , जो कल तक आपको पहचानने से इंकार करते रहे है आज आपसे रिश्ते जोडने को आतुर है  प्यारे  मित्रो , समय आ गया है  इनके  बुरे कर्मो के दंड देने का ।
अपनी वोट कि ताकत से , इनके बुरे मनसूबो के पुलिंदो को ध्वस्त कर दिजिये , यदि आज आप इनके मायाजाल मे फँसे तो आने वाली  पीढी  आपको कभी माफ नही करेगी , यह  जान लिजिये कि कल के समाज के भविष्य वही होंगे जिसकी नीव आप आज रखेंगे दोस्तो एक सब्जी लेने वाले से सब्जी खरीदने से पुर्व आप चार बार मोलभाव करते है , तो कैसे आप अपनी नुमाईंदगी  एक कुसंस्कृत , असभ्य ,दयाहीन , परम्पराविहीन प्राणी को सौपेंगे प्यारे मित्रो जिस समाज का निर्माण आप आज करते हो कल उसी के भागी बनते हो , फिर आपको समाज कि स्तिथि पर कटाक्ष  करने का  अधिकार नही होता है , अतः आपसे कटबध्द निवेदन है कि आप लोग एक ऐसे प्रतिनिधि का चुनाव करिये जो सुशिक्षित संस्कारी , आपका हमदर्द ,धरती मैया का  वरद्पुत्र हो जो आपके सपनो को पंख दे सके ।
एक कहावत है “ चार दिन कि चादनी फिर अंधेरी रात “ अगर आप आज धनबल बाहुबल भाई-भतीजावाद एवं जातिबंधन मे बँधे तो आपके पास पछताने के सिवाय कुछ नही बचेगा । ये समाजध्रोही आपको  ललचायेंगे अपने धन बल से बहलायेंगे अपनी कुटिल वचनो एवं बुध्दि द्वारा लेकिन आपको विचलित नही  होना है , क्योकि आज आपका विचलित होना , आपके कल के भविष्य की  चाभी इनको प्रदान कर देगा , अगर ये बरसाती मेढक अच्छे ही होते तो अभी तक कहाँ  थे , आपकी खोज खबर पूरे वर्ष क्यो नही लेते , आप इनके तुक्ष चालाकी को भाँप कर इनको मुँहतोड जवाब दिजिये जरा गौर करिये ये लोग 1 महीने के लिये आकर आपके गाँव मे आपके बचे 11 महीने मे विष घोलते है क्यो चुनाव मे ही सच्चाई, त्याग , दानशीलता की मूर्ति बन गये जो कल तक , गैरसामाजिक , घमण्डी एवं सुंदर समाज बेवकूफो का अड्डा  , निरीह जनता को केवल VOTE BANK घोषित करते है ।
जागिये दोस्तो और ये प्रण लिजिये कि हम रहे या ना रहे ये देश रहे , ये समाज रहे , क्योकि हम समाज से है समाज हमसे नही हमारा अस्तित्व समाज से है आइए  इसकी रक्षा करे ।

स्वदेशी  चेतना मंच , कसियॉव( आइये एक सुंदर कल का निर्माण करे )       |

 AVINASH PANDEY (SOCIAL WORKER)